पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज (सोमवार, 10 मार्च) फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी है, इसका नाम आमलकी एकादशी और रंगभरी ग्यारस है। ये हिंदी वर्ष की अंतिम एकादशी है। इस एकादशी पर व्रत-उपवास करने के साथ ही पर आंवले के वृक्ष की पूजा भी की जाती है। इसके अलावा भक्त रंगभरी ग्यारस पर अपने इष्टदेव को रंग चढ़ाकर होली पर्व की शुरुआत करते हैं। दान-पुण्य भी करते हैं।
अब से चार दिन बाद होली खेली जाएगी। होली से पहले इस एकादशी पर काशी में बाबा विश्वनाथ को अबीर-गुलाल चढ़ाया जाता है। इसी दिन से होली पर्व की शुरुआत मानी जाती है। काशी, मथुरा, वृंदावन, गोकुल के आसपास के क्षेत्रों में लोग रंगभरी ग्यासर से होली खेलना शुरू कर देते हैं।
जानिए सोमवार और एकादशी के योग में कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं…
- एकादशी पर स्नान के बाद किसी मंदिर जाएं या घर के मंदिर में गणेश पूजा के बाद भगवान विष्णु के सामने बैठकर व्रत करने और पूजा करने का संकल्प करें। भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का विशेष अभिषेक करें।
- एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को दिनभर अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, आप चाहें तो एक समय फलाहार कर सकते हैं।
- एकादशी पर पूजा किसी ब्राह्मण की मदद से करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद चरणामृत ग्रहण करें।
- पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए। एकादशी पर दिनभर व्रत करने के बाद द्वादशी तिथि पर भी सुबह स्नान के बाद पूजा करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं। इसके बाद स्वयं भोजन करें।
- एकादशी पर शिवलिंग पर जल-दूध चढ़ाएं। चंदन का लेप करें। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूलों से श्रृंगार करें। भगवान गणेश और देवी पार्वती के साथ विधिवत पूजा करें। भगवान को मौसमी फल और मिठाई का भोग लगाएं। ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करते हुए पूजा करें।
- इस दिन शिवलिंग पर विराजित चंद्र देव की भी विशेष पूजा करें। ऊँ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करें।
- सूर्यास्त के बाद घर के मंदिर में और तुलसी के पास दीपक जलाएं। हनुमान जी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- आमलकी एकादशी पर आंवले के वृक्ष का पूजन और दान-पुण्य भी करें। इस दिन किए गए व्रत से भक्तों के अनजाने में किए गए पाप कर्मों का फल नष्ट होता है।
- इस तिथि पर आंवले का सेवन करने से हमारे कई रोगों दूर होते हैं। बाल गोपाल को माखन-मिश्री और तुलसी चढ़ाएं। कृ कृष्णाय नमः मंत्र का जप करें। मंत्र जप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
आज का विचार
उम्मीद हमारी वह शक्ति है, जो हमें उस समय भी प्रसन्न बनाये रखती है जब हमें मालूम होता है, कि हालात बहुत खराब हैं.!
आज का भगवद् चिन्तन
मैं का त्याग करें
मैं से मुक्त हो जाना जीवन में बहुत बड़ी अशांति एवं कष्टों से मुक्त हो जाना भी है। मैं शब्द में बड़ी विचित्रता है। सुबह से शाम तक व्यक्ति कई बार मैं-मैं करता है। इस मैं के कारण ही बहुत सारी समस्याएं जन्म लेती हैं एवं जीवन अशांत हो जाता है। समस्त हिंसा और अशांति के मूल में भी मैं का ही भाव छुपा है। जीवन में जहाँ – जहाँ मैं भाव आपके आगे आयेगा वहाँ – वहाँ आप पाओगे कि प्रसन्नता आपके जीवन से धीरे-धीरे पीछे हट रही है।
यदि मन में अहमता की दीवार न हो तो जीवन स्वतः आनंदपूर्ण बन जाता है। मैं का भाव हृदय की उदारता को नष्ट कर देता है। अपने को कर्ता रूप मान लेना ही जीवन में मैं की उपस्थिति है और जहाँ मैं है वहीं से अहम की यात्रा का प्रारंभ भी है। जीवन का वास्तविक सौंदर्य तो उदारता, विनम्रता, प्रेम और संवेदना में ही खिलता है। मैं अर्थात स्वयं में सिमट कर रह जाना, असीमता, अनंतता के आकाश से वंचित रह जाना। एक बात सदैव याद रखें कि मैं की मुक्ति में ही तुम्हारी समस्याओं की मुक्ति भी है।