परमात्मा अभी यहां है

Uttarakhand

एक बार परमहंस स्वामी रामतीर्थ अमेरिका की यात्रा पर गए थे। तब अमेरिका में एक डाॅक्टर ने उन्हें अपने घर पर आने का निमंत्रण दिया। डाॅक्टर नास्तिक थे। उसने अपने यहां तख्ती लगा रखी थी-God is no where (परमात्मा कहीं नहीं है)। स्वामी राम ने तख्ती देखी तो सोचा डाॅक्टर कितनी बड़ी गलती कर रहा है। वे भी अध्यात्म के डाॅक्टर थे। उन्होंने फौरन चौक हाथ में लिया और डब्ल्यू के आगे प्वाइंट लगा दिया। जब वे भोजन करने अंदर गए तो डाॅक्टर बोला-‘‘स्वामी जी! मैं तो नास्तिक हूं। आप मेरे घर कैसे आ गए?’’

स्वामी जी ने मुस्कराते हुए कहा-‘‘इसका क्या प्रमाण है?!’’

उसने कहा-‘‘मैंने बाहर तख्ती लगा रखी है। क्या आपने उसे नहीं पढ़ा।’’

स्वामी जी ने कहा-‘‘चलिए, बताइए।’’

जब डाॅक्टर उनके साथ बाहर आया तो पढ़कर हैरान हो गया। अब वहां लिखा था-God is now here (परमात्मा अभी यहां है)।

Uttarakhand

परमात्मा सर्वत्र है। वह कहां नहीं है? हमारी आंख उधर नहीं है, इसलिए दिखाई नहीं दे रहा है। एक शायर कहता है-

वह कौन जी जां है, जहां जल्वा-ए-माशूक नहीं।

अगर शौके दीदार है तो नजर पैदा कर।

Uttarakhand

मस्त योगी स्वामी राम ने दुनिया को वह आंख दी, जिससे सच्चिदानंद परमात्मा दिखाई देता है।

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *