देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में आपदा प्रबंधन की समीक्षा करते हुए कहा कि आपदा से निपटने के लिए हरदम अलर्ट रहना आवश्यक है, साथ ही आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू हो जाने चाहिए। रिस्पांस टाइम भी कम से कम होना चाहिए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अगले तीन माह महत्वपूर्ण हैं। आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए जिलाधिकारी अधिकांश निर्णय अपने स्तर पर लें। जिन समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर नहीं हो पा रहा है, उन्हें ही शासन तक भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए जो धनराशि दी जा रही है, उसका अधिकतम उपयोग हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। अगले 3 माह अधिकारियों की छुट्टी विशेष परिस्थिति में ही स्वीकृत की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में सभी सेटेलाइट फोन चालू अवस्था में रहें। संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। आपदा प्रबंधन के साथ ही CharDhamYatra2022 एवं कांवड़ यात्रा भी महत्वपूर्ण है। इस वर्ष चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। यात्रा से जुड़े जिलों के अधिकारी यह सुनिश्चित करें, कि यात्रा सुव्यवस्थित चले।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, एसीएस राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, समेत सभी विभागीय सचिव, आयुक्तगण व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।