गुरु पुष्य योग: साल का आखिरी खरीदारी का महामुहूर्त आज: पंचांग से जानें शुभ डेट-टाइम

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पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज यानी 21 नवंबर को गुरु पुष्य योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र में गुरु पुष्य योग बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है। देवगुरु बृहस्पति धन, समृद्धि और प्रचुरता के कारक हैं। गुरुवार को यदि पुष्य नक्षत्र का योग बन जाए तो आय के साधनों का अवसर प्राप्त होता है।

आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की षष्टी तिथि है। इस तिथि पर पुष्य नक्षत्र और शुक्ल योग का संयोग रहेगा। दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो गुरुवार को अभिजीत सुबह 11:45 से 12:28 मिनट तक रहेगा। राहुकाल दोपहर 1: 26 से 2:35 मिनट तक रहेगा। चंद्रमा कर्क राशि में मौजूद रहेंगे।

गुरु पुष्य योग क्या है?

गुरु पुष्य योग को गुरु पुष्य नक्षत्र योग, गुरु पुष्य अमृत योग अथवा गुरुपुष्यामृत योग के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु पुष्य योग कैसे निर्मित होता है?

गुरु पुष्य योग एक शुभ योग मुहूर्त है। गुरु पुष्य नक्षत्र में, शिक्षा ग्रहण करने, नवीन कार्य आरम्भ करने तथा महत्वपूर्ण अनुबन्धों पर हस्ताक्षर करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। पुष्य नक्षत्र सर्वाधिक शुभ नक्षत्रों में से एक है तथा इस नक्षत्र में ही देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था। गुरु अर्थात् बृहस्पति, सर्वाधिक लाभकारी ग्रह है। गुरुवार का दिन बृहस्पति द्वारा नियन्त्रित व शासित होता है। पुष्य नक्षत्र का गुरुवार के साथ संयोग होने पर गुरु पुष्य योग का निर्माण होता है।

पुष्य का अर्थ है पोषम करने वाला, ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है। यह 27 नक्षत्रों में से 8वां है। इसकी राशि कर्क है, जिसके स्वामी चंद्रमा हैं। इसका प्रतीक गाय का थन है। यह बेहद शुभ और कल्याणकारी नक्षत्र माना जाता है, जिसके इष्ट देवता बृहस्पति और स्वामी शनि देव हैं।

इस नक्षत्र को चंद्रमा और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त है। बृहस्पति और शनि के प्रभाव, चंद्रमा और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से इस नक्षत्र में किए गए हर काम में सफलता मिलती है और स्थायी उन्नति होती है। विशेष रूप से खरीदारी के लिए यह नक्षत्र बेहद शुभ होता है।

मान्यता है इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार की खरीदारी से घर में खुशियां बढ़ती हैं। साल भर तक आपकी संपत्ति में वृद्धि होती है और यह वृद्धि स्थायी रहती है। वहीं जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को उदित होता है तो इस संयोग को गुरु पुष्य योग कहा जाता है और इसका महत्व बढ़ जाता है। विशेष रूप से गुरु की धातु सोना खरीदना शुभ माना जाता है।

इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी का स्थायी लाभ

अचल संपत्तिः मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि और व्यावसायिक संपत्ति।
चल संपत्तिः आभूषणों में सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण।
ऑटोमोबाइलः चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक दोपहिया-चार पहिया वाहन।
इलेक्ट्रॉनिक सामानः फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, माइक्रोवेव ओवन आदि।

पंडित उदय शंकर भट्ट

आज का पंचांग

बृहस्पतिवार, नवम्बर 21, 2024
सूर्योदय: 06:49 ए एम
सूर्यास्त: 05:25 पी एम
तिथि: षष्ठी – 05:03 पी एम तक
नक्षत्र: पुष्य – 03:35 पी एम तक
योग: शुक्ल – 12:01 पी एम तक
करण: वणिज – 05:03 पी एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 05:29 ए एम, नवम्बर 22 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि: कर्क
सूर्य राशि: वृश्चिक

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