सुरक्षा मानकों की अनदेखी, कहीं भारी न पड़ जाए, टिहरी झील का जलस्तर बढ़ा तो दौड़ पड़ी बोटें

हिमशिखर ब्यूरो

Uttarakhand

नई टिहरी। सुरक्षा मानकों की अनदेखी करना कहीं फेरी बोट संचालकों और बोट से झील के आर पार आने जाने वाले लोगों की जान पर भारी न पड़ जाए। टिहरी झील इन दिनों पानी से लबालब भरी हुई है।

झील का जलस्तर बढ़कर आर एल 828 मीटर तक पहुंचने पर छह माह इंतजार के बाद पुनर्वास विभाग ने टिहरी बांध प्रभावित थौलधार प्रखंड और उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के लोगों को झील के आर पार जाने के लिए के छाम-बैल्डोगी, स्यांसू-मणी फेरी बोट की सेवा रविवार से एक बार फिर शुरू कर दी है ।

यहां बता दें कि मार्च अप्रैल महीने में झील का जलस्तर कम होने पर पुनर्वास विभाग प्रत्येक साल फेरी बोट सेवा बंद कर देता है। जुलाई अगस्त महीने में बारिश होने और झील का जल स्तर बढ़ने पर बोट सेवा को शुरू कर दिया जाता है। जलस्तर कम होने पर 26 मार्च 2022 को छाम- बैल्डोगी, स्यासूं-मणी बोट सेवा बंद कर दी गई थी । जिस कारण बाध प्रभावित चिन्यालीसौड़ और कंडीसौण क्षेत्र के लोगों को टिहरी झील के आर पार बसे गांव में आने जाने के लिए 50 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा था। 6 महीने इंतजार के बाद रविवार को जैसे ही दोनों स्थानों से फेरी बोट सेवा शुरू हुई क्षेत्र के लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

बोट के जरिए जील झील से आरपार जाने की सुविधा मिलने पर टिहरी बांध प्रभावित गांव के लोगों ने पुनर्वास निदेशक और डीएम डॉ सौरभ गहरवार का आभार व्यक्त किया। यहां बता दें कि सुरक्षा की दृष्टि से बोट में सफर करते वक्त झील के आर पार जाने के लिए लाइफ सेविंग जैकेट पहनना प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है। मानकों की अनदेखी करना किसी खतरे से कम नहीं है। यहां पुनर्वास विभाग की ओर से शुरू की गई फेरी बोट की फोटो देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुरक्षा मानकों के प्रति पुनर्वास विभाग कितना गंभीर है।

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