हिमशिखर इंटरनेशनल डेस्क
अमरीका, ब्रिटेन और यूरोप के कई देशों समेत कम से कम 11 देशों में मंकीपॉक्स के 80 मामले सामने आने के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन सतर्क हो गई। अभी तक यह बीमारी केंद्रीय और पश्चिमी अफ्रीकी देशों तक ही सीमित रही है। अब अफ्रीका से बाहर मंकीपॉक्स के मामले मिलने से वैज्ञानिक आशंकित हैं कि कहीं ये कुछ नया तो नहीं हो रहा। WHO की बैठक में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बैठक में ये सामने आया है कि यूरोप में अब तक 100 से ज्यादा मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले आ चुके हैं इसमें 20 मई यानी शुक्रवार को ही सिर्फ स्पैन में ही 24 मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए।
Monkeypox is a viral infection usually associated with travel to West Africa. It is spread by very close contact with an infected person.
Most people recover within a few weeks but it can be more serious for some people.
— UK Health Security Agency (@UKHSA) May 16, 2022
चेचक की तरह है मंकीपॉक्स
यह एक वायरल इन्फेक्शन है जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण के पुष्टि हुई थी। यह ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। 2017 में नाइजीरिया में मंकीपॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था, जिसके 75% मरीज पुरुष थे।
CDC and health partners responding to monkeypox case in the U.S. Case identified after monkeypox clusters in several other countries. Read full statement: https://t.co/lRP8spqCcx
— CDC (@CDCgov) May 19, 2022
छुआछूत की बीमारी है मंकीपॉक्स
यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा बंदर, चूहे जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।
WHO, Member States, and partners are working to understand more about the #monkeypox outbreak & how the virus spreads so that we can stop it.
▶️ Keep following us for updates https://t.co/oVThPVuZUe— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 20, 2022
अब तक 11 देशों में फैला मंकीपॉक्स
ब्रिटेन में इसका पहला मरीज 7 मई को मिला था। फिलहाल यहां मरीजों की कुल संख्या 9 है। वहीं, स्पेन में 7 और पुर्तगाल में 5 मरीजों की पुष्टि हुई है। अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में मंकी पॉक्स के 1-1 मामले सामने आए हैं। साथ ही कनाडा में 13 संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है। बेल्जियम में शुक्रवार को 2 मामलों की पुष्टि हुई है।
मंकीपॉक्स के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए WHO ने भी अपनी वेबसाइट पर इससे जुड़ी सारी जानकारी को अपडेट किया है। इसके साथ ही एजेंसी प्रभावित देशों के साथ मिलकर संक्रमित लोगों की जांच भी कर रही है। ब्रिटेन में यह बीमारी समलैंगिक पुरुषों में सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के जरिए फैली या नहीं, इसकी जांच भी जारी है। संभावित मरीजों की पहचान के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी की जा रही है।
मंकीपॉक्स कितना खतरनाक
WHO की मानें तो मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जिसका संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है। इस वायरस की दो स्ट्रेंस हैं- पहली कांगो स्ट्रेन और दूसरी पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन। दोनों ही 5 साल से छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाती हैं। कांगो स्ट्रेन की मृत्यु दर 10% और पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की मृत्यु दर 1% है। ब्रिटेन में पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की पुष्टि हुई है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं और आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।