मुख्य सूचना आयुक्त ने लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

नई टिहरी

Uttarakhand

मुख्य सूचना आयुक्त, उत्तराखण्ड अनिल चन्द्र पुनेठा ने आज विकास भवन सभागार में राजकीय कार्यालयों के लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। मुख्य आयुक्त ने विभिन्न विभागों में गत वित्तीय वर्ष एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में सूचना अधिकार से संबंधित प्राप्त अनुरोध पत्रों के सापेक्ष निस्तारित किये गये प्रकरणों की प्रगति की जानकारी प्राप्त कर सभी विभागों द्वारा निस्तारित प्रकरणों की अच्छी प्रगति रिपोर्ट की प्रशंसा की गई। साथ ही लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के स्तर पर सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक सुझाव भी दिये गये।

बैठक में मुख्य आयुक्त एवं जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार द्वारा लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों की आवेदनकर्ताओं को सूचना प्रदान करने, अनुरोध अस्वीकार करने, अतिरिक्त शुल्क की मांग करने अथवा तृतीय पक्ष की सूचना को देने/अस्वीकार करने के संबंध में प्रेषित किये जाने वाले पत्रों में अतिरिक्त शुल्क की गणना के आधार/अनुरोध अस्वीकृति के विरूद्ध अपील करने आदि से संबंधित संशयों का समाधान किया गया। मुख्य आयुक्त ने सुझाव देते हुए कहा कि अनुरोधकर्ता द्वारा सूचना मांगे जाने पर कुशलता पूर्वक व्यवहार करने से पचास प्रतिशत केस का निस्तारण हो जाता है, अधिनियम के प्राविधानों का अनुपालन कर सूचना आवेदनकर्ताओं को वांछित सूचना की प्राप्ति आसानी से हो सकेगी, विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी एवं विभाग तथा राज्य सरकार की छवि और अधिक उज्जवल होगी। कहा कि कार्यालय में जो सूचना धारित को उसे स्पष्ट रूप में दें, प्रश्नगत प्रपत्र में मांगी गई सूचना देने के लिए बाध्यता नहीं है। जहां ज्यादा सूचनाएं मांगी जाती है, वहां पर अनुरोधकर्ता से समन्वय स्थापित करते हुए समय देकर रिकार्ड दिखा सकते हैं। एक बार अपील का निस्तारण के बाद दुबारा अपील नही की जा सकती है, ऐसे प्रकरण को क्लोज कर सकते है।

मुख्य आयुक्त ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्राप्त होने वाली द्वितीय अपीलों/शिकायतों की सुनवाई करने के दौरान लोक सूचना अधिकारियों व विभागीय अपीलीय अधिकारियों के स्तर पर सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त होने वाले अनुरोध पत्रों व प्रथम अपीलों के निष्पादन में मुख्य रूप से कुछ कमियां पायी गयी हैं जिनका निराकरण किया जाना आवश्यक है। कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम में स्पष्ट रूप से प्राविधानित है कि सूचना अनुरोध पत्र प्राप्त होने के अधिकतम 30 दिन की अवधि के भीतर अनुरोधकर्ता को सूचना उपलब्ध करायी जानी चाहिए या धारा 8 और धारा 9 में विनिर्दिष्ट कारणों में से किसी कारण से अनुरोध को अस्वीकार किये जाने की सूचना दी जानी चाहिए। लोक सूचना अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6 (3) के अंतर्गत दी गयी व्यवस्था के अनुरूप ही अनुरोध पत्रों का अंतरण आवेदन पत्र प्राप्त होने के 15 दिन की अवधि के भीतर सही लोक सूचना अधिकारी को किया जाए। लोक सूचना अधिकारी को बिन्दुवार सूचना देनी चाहिए। प्रत्येक प्रथम अपील का निस्तारण गुण दोष के आधार पर नियमानुसार किया जाना चाहिए। विभागीय अपीलीय अधिकारी को चाहिए कि प्रथम अपील की सुनवाई में लोक सूचना अधिकारी / डीम्ड लोक सूचना अधिकारी को कोई निर्देश दिये जाने के उपरान्त 15-15 दिनों के अंदर एक तिथि निर्धारित कर यह पुष्टि कर ली जाये कि वांछित सूचना अनुरोधकर्ता को प्राप्त हो चुकी है तत्पश्चात् प्रथम अपील का निस्तारण किया जाना चाहिए।

इस दौरान जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार ने सभी लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मार्गदर्शिका का जरूर अध्ययन कर लें। अधिकरियों के संशय का निदान करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राइवेट सूचना देने की बध्यता नहीं है, सामाजिक हित की सूचना कार्यालय में जिस भी रूप में धारित है, दी जा सकती है। जिलाधिकारी द्वारा डीपीआरओ के बिना बताये बैठक में अनुपस्थित होने पर स्पष्टीकरण तलब किया गया।

बैठक में सीडीओ मनीष कुमार, एडीएम रामजी शरण शर्मा, एएसपी राजन सिंह, पीडी डीआरडीए प्रकाश रावत, डीडीओ सुनील कुमार, एसडीएम टिहरी अपूर्वा सिंह, सीएमओ डॉ. संजय जैन, एसटीओ नमिता सिंह सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी/लोक सूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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