सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व होता है। यह महीना वैशाख के बाद आता है और हिंदू पंचांग का तीसरा महीना होता है। ज्येष्ठ माह को आम बोलचाल में जेठ महीना भी कहा जाता है। इसमें गर्मी अपने चरम पर होती है। इसलिए यह महीना तप, संयम और सेवा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से इस माह में जल सेवा, व्रत, पूजा और दान-पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है। खासकर किसी प्यासे को शर्बत या ठंडा पानी पिलाना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। इस महीने में पानी का महत्व समझाने वाले व्रत-पर्व खासतौर पर मनाए जाते हैं। जानिए इस महीने के खास तीज-त्योहार…
वृष संक्रांति – बुधवार 14 मई को सूर्य मेष से वृष राशि में प्रवेश करेगा। इसे वृष संक्रांति कहा जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन से ज्येष्ठ माह शुरू हो जाएगा।
गणेश चतुर्थी व्रत – शुक्रवार, 16 मई को ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान गणेश के लिए व्रत करते हैं और विशेष पूजा करते हैं।
अपरा एकादशी – शुक्रवार, 23 मई को ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी है, इसे अपरा और अचला एकादशी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत किया जाता है और भगवान का विशेष अभिषेक करते हैं।
शनि जयंती – सोमवार, 26 मई और मंगलवार, 27 मई ज्येष्ठ मास की अमावस्या है। 26 को श्राद्ध की अमावस्या रहेगी। 27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन स्नान-दान की अमावस्या रहेगी। शनि जयंती पर सरसों के तेल का दान करना चाहिए।
विनायकी चतुर्थी – शुक्रवार, 30 मई को ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी होने से इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत-उपवास किया जाएगा।
गंगा दशहरा – गुरुवार, 5 जून को गंगा दशहरा है।मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर देवनदी गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस वजह से इस पर्व को गंगा दशहरा कहा जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान, दान और जप करना चाहिए।
निर्जला एकादशी – शुक्रवार, 6 जून को साल भर की सभी एकादशियों के बराबर पुण्य देने वाला निर्जला एकादशी व्रत है। इस व्रत में भक्त दिन भर अन्न और जल का त्याग करते हैं, पानी भी नहीं पीते है। इसी वजह से निर्जला एकादशी व्रत को एक तप के समान माना जाता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा – मंगलवार, 10 जून और बुधवार, 11 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है, ये महीने की अंतिम तिथि है। 10 तारीख को पूर्णिमा व्रत किया जाएगा और 11 को संत कबीर की जयंती मनाई जाएगी।