नेतृत्व क्षमता:समुद्र के किनारे तेज लहर एक बच्चे का चप्पल अपने साथ बहा ले गयी.. 

हिमशिखर खबर

Uttarakhand

समुद्र के किनारे जब एक तेज लहर आयी तो एक बच्चे का चप्पल ही अपने साथ बहा ले गयी..

बच्चा रेत पर अंगुली से लिखता है… “समुद्र चोर है”

उसी समुद्र के दूसरे किनारे पर एक मछुवारा बहुत सारी मछलियाँ पकड़ लेता है….

वह उसी रेत पर लिखता है…”समुद्र मेरा पालनहार है”

एक युवक समुद्र में डूब कर मर जाता है….

उसकी मां रेत पर लिखती है… “समुद्र हत्यारा है”

एक दूसरे किनारे एक गरीब बूढ़ा टेढ़ी कमर लिए रेत पर टहल रहा था…उसे एक बड़े सीप में एक अनमोल मोती मिल गया,

वह रेत पर लिखता है… “समुद्र बहुत दानी है”

….अचानक एक बड़ी लहर आती है और सारे लिखा मिटा कर चली जाती है ।

मतलब समंदर को कहीं कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोगों की उसके बारे में क्या राय हैं ,वो हमेशा अपनी लहरों के संग मस्त रहता है..

अगर विशाल समुद्र बनना है तो जीवन में क़भी भी फ़िजूल की बातों पर ध्यान ना दें….अपने उफान, उत्साह, शौर्य, पराक्रम और शांति समुंदर की भांति अपने हिसाब से तय करें ।

लोगों का क्या है …. उनकी राय परिस्थितियों के हिसाब से बदलती रहती है ।

स्वस्थ रहें, मस्त रहें, हमेशा हँसते रहें, खिलखिलाते रहें, अपना ख़याल रखें और सदैव अच्छे कार्य करते रहें ।

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