पांच राज्यों में आज नई सरकार: यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में किसके सिर सजेगा जीत का ताज? नतीजे आज

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर की जनता को अब आज चुनाव रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है।


हर्ष मणि बहुगुणा

Uttarakhand

सुप्रभातम्,
आज देश का माहौल बिल्कुल चुनावी रहेगा। देश के पांच राज्यों में किसकी सरकार बनेगी, यह तय हो जाएगा। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में कोविड-19 दिशानिर्देश का पालन करते हुए आज गुरुवार  सुबह 8:00 बजे से मतगणना शुरू होगी और दोपहर तक स्थिति स्‍पष्‍ट होने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाताओं ने किसे जनादेश का गुलाल लगाया और किसे आत्मनिरीक्षण करने का सबक सिखाया।

आज अगले पांच साल के लिए पांच राज्यों में नई सरकार (विधानसभा) के माननीय विधायकों का चयन हो जाएगा। सभी प्रत्यासियों ने अपनी विजयी रथ को पूरी तरह से आगे बढ़ाने की कोशिश की है, अब राजतिलक प्रत्याशी के भाग्य पर आधारित है। अन्य राज्यों को छोड़कर उत्तराखंड के विषयक हमारी अपेक्षाएं निकटतम हैं। आज जिस भी पार्टी का प्रत्याशी विजय श्री का वरण करेगा वही उस विधानसभा का विधायक है, उन सबका दायित्व इस प्रदेश का बहुमुखी विकास सर्वोपरि है, विशेष कर कृषि, उद्यान, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, परिवहन और सीमा सुरक्षा महत्वपूर्ण हैं।

हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर यहां का विकास होना आवश्यक है। हम सभी निर्वाचित विधायकों का हार्दिक अभिनन्दन करते हैं तथा उज्ज्वल भविष्य की (उनके व इस प्रदेश की) शुभकामना करते हैं। देवभूमि उत्तराखंड को देवभूमि ही रहने देना ऐसी विनती भी है। राजनीति को व्यवसाय न बना कर सामान्य जनता की सेवा का माध्यम बना कर उच्चतम आदर्श स्थापित कर देश और दुनिया के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में प्रतिष्ठित रहने देंगे।

इस से यह प्रतीत होगा कि ‘न्याय से राज्य की वृद्धि होती है, औचित्य से महत्व की, सत्य से धर्म की और दुष्ट हृदय से दुर्गति की’। यह भी अनुरोध है कि आपको किसी ने अपना मत या समर्थन न भी दिया हो तब भी आप उनके प्रति सहिष्णुता का व्यवहार कर अपनी उदारता का परिचय देकर सच्चे नायक कहलाएंगे, क्योंकि उदारता से प्रभुता की वृद्धि होती है। और इन पांच सालों तक आप सबके माननीय हैं।

“मनीषिण: सन्ति न ते हितैषिण:, हितैषिण: सन्ति न ते मनीषिण:।

सुहृच्च विद्वानपि दुर्लभो नृणाम्, यथौषधं स्वादु हितं च दुर्लभम् “

आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए हिमशिखर खबर

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