पंडित उदय शंकर भट्ट
श्रद्धापूर्वक अपने पित्रों को प्रसन्न करने का पर्व श्राद्ध पक्ष इस बार 16 के बजाए 17 दिनों का होगा। ऐसा संयोग दशकों बाद पंचमी तिथि दो दिन (25-26) आने के कारण बन रहा है। यही कारण है कि 25 को पंचमी और 27 को षष्ठी का श्राद्ध होगा। खास बात यह है कि 26 को कोई श्राद्ध नहीं होगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध के 16 दिनों में लोग अपने पित्रों को पिंडदान देकर तृप्त करते हैं। इस बार पित्र पक्ष कई दशकों के बाद 16 के बजाए 17 दिनों का पड़ रहा है। श्राद्ध पक्ष में पंचमी तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 25 सितंबर की सुबह आज 10 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 26 सितंबर को दोपहर एक बजे तक रहेगी। लेकिन शास्त्रानुसार पंचमी तिथि का श्राद्ध 25 सितंबर को ही किया जाएगा। जिस कारण छठवां श्राद्ध 27 को होगा।
सनातन धर्म के अनुसार श्राद्ध करने से पितरों को आत्मिक शांति मिलती है। श्राद्ध पक्ष में पिंडदान और तर्पण के साथ ही गाय, कुत्ता और कौआ को भी भोजन कराना अनिवार्य है। श्राद्ध कर्म करने वाले के परिवार में सुख-समृद्धि का वास रहता है।