इन 5 चीजों के बिना रहेगा अधूरा रक्षाबंधन , जानें राखी बांधने का मंत्र 

हिमशिखर धर्म डेस्क

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पंडित उदय शंकर भट्ट

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। आज 22 अगस्त 2021 और दिन रविवार है। आज पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। आज बहनें अपने भाइयों को राखी बांध रही हैं और उनसे रक्षा का वचन ले रही हैं। साथ ही भाइयों के दीर्घ और सुखी जीवन की कामना भी कर रही हैं। आज राखी का पर्व 6: 17 के बाद भद्रा रहित है।

आज का पंचांग

दिन: रविवार, श्रावण मास, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा तिथि।

आज का दिशाशूल: पश्चिम।

आज का राहुकाल: शाम 04:30 बजे से 06:00 बजे तक।

रक्षाबंधन का पर्व इन 5 चीजों के बिना राखी का पर्व अधूरा रहता है। इसलिए  आइये जानें पूजा की थाली में इन 5 चीजों के साथ रक्षा बंधन के लिए पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट।

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राखीरक्षाबंधन के पर्व में सबसे जरूरी चीज राखी होती है. इस लिए बहनों को चाहिए कि पूजा की थाली में राखी अवश्य रखें।

रोलीराखी बांधते समय बहनें सबसे पहले भाइयों को तिलक लगाती हैं। ऐसे में तिलक लगाने के लिए रोली का होना अति आवश्यक है। रक्षाबंधन के दिन पूजा थाली में रोली को जरूर रखें.

अक्षत {साबूत चावल}: तिलक लगाने के बाद माथे पर चावल भी लगाया जाता है. इसको अक्षत भी कहते हैं। ध्यान रहें कि चावल टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में चावल जरूर रखें।

आरती के लिए दीपकरक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों की आरती भी उतराती हैं। आरती उतारने के लिए पूजा की थाली में दीपक का होना अति आवश्यक है। इसलिए इसके बिना राखी अधूरी रहेेेेगीी।

मिठाईरक्षाबंधन के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं. इस लिए पूजा की थाली में मिठाई का होना जरूरी होता है।

राखी बांधने का मंत्रबहनें भाई की कलाई में राखी बांधती हैं। राखी बांधते समय इस मंत्र को जरूर पढ़ना चाहिए।

मंत्र इस प्रकार है- ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।

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इस मंत्र का सामान्यत: यह अर्थ लिया जाता है कि दानवीर महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे, उसी से तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे!(रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो, चलायमान न हो।

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