नई टिहरी।
औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार का रानीचौरी परिसर किसानों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। ग्रामीणों ने कुलपति से मिलकर यू जी स्तर से नए कोर्स शुरू करने, कृषि विज्ञान केंद्र से ग्रामीणों को नई तकनीक की जानकारी दिए जाने सहित कई मुद्दों पर बातचीत की।
रानीचौरी क्षेत्र के ग्रामीणों ने रानीचौरी परिसर में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० अजीत कुमार कर्नाटक से पुरानी लंबित समस्याओं के निराकरण न होने पर रोष प्रकट किया। हर्षमणि बहुगुणा ने परिसर में यू जी एवं पी जी स्तर पर कृषि और औद्यानिकी विषय शुरू किए जाने की मांग की। कहा कि तभी परिसर का सही मायनों में लाभ मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि यहां की जनता ने अपने खेत, चारागाह, वन व जल स्त्रोतों को इस क्षेत्र के विकास के लिए परिसर को बनाने के लिए दिया था। लेकिन आज जो दुर्दशा इस परिसर की है उसे देख कर अत्यधिक दु:ख हो रहा है। देश का भविष्य आने वाली पीढ़ी के हाथ में है यदि उनकी शिक्षा की सुव्यवस्था नहीं होगी तो हम अभिभावकों का सार्थक चिंतन नहीं हो सकता है ।
प्रधान संगठन अध्यक्ष सुधीर बहुगुणा और सुशील कुमार बहुगुणा ने कहा कि भवनों की देखरेख न होने के कारण परिसर उजाड़ बनता रहा है। कहा कि परिसर की लचर व्यवस्था होने के कारण किसानों को तकनीक प्रशिक्षण, बीजों की उपलब्धता सहित नई तकनीक की जानकारी नहीं मिल पा रही है। जिस कारण किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है।
शैलेंद्र नेगी ने कहा कि स्थानीय किसानों ने अपने हक-हकूक की पैतृक जमीन परिसर निर्माण के लिए दान दी थी, लेकिन उसका कोई भी लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि परिसर में उपनल के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को लगाया गया है उन्हें संविदा के आधार पर रखा जाय। ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।