कपाट मंगल के लिए देहरादून पहुँचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, बोले-शीतकालीन यात्रा पर भी ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

देहरादून:  परमधर्माधीश अनंतश्रीविभूषित उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ महाराज चार दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर बुधवार को देहरादून पहुंचें, एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत एवम अभिनंदन किया गया।

बृहस्पतिवार को शंकराचार्य हरिद्वार से जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेंगे। 17 तारीख को बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। 18 तारीख को मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य मौजूद रहेंगे ।

देहरादून एयरपोर्ट पर प्रेस से अनौपचारिक वार्ता में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि बदरीनाथ मंदिर के कपाट आगामी 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। वे दूसरी बार बतौर शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर उपस्थित रहेंगे ।

शंकराचार्य महाराज ने कहा कि इस वर्ष बड़ी संख्या में उत्तराखंड स्थित चार धामों गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में श्रद्धालु आए। लेकिन यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए ।

उन्होंने कहा शीतकालीन यात्रा पर भी ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है। इसकी शुरुआत ज्योतिर्मठ की ओर से विगत वर्ष से प्रारंभ हो गई है। कहा वे स्वयं जल्दी ही शीतकालीन पूजा स्थलों की यात्रा करेंगे।

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