शरद पूर्णिमा से जुड़ी परंपराएं : श्रीकृष्ण गोपियों संग रचाते हैं महारास और देवी लक्ष्मी करती हैं पृथ्वी का भ्रमण

Uttarakhand

हिमशिखर धर्म डेस्क

आज मंगलवार, 19 अक्टूबर और बुधवार, 20 अक्टूबर को अश्विन मास शरद पूर्णिमा है। आज 19 को चंद्रमा की रोशनी में खीर रखें और कल 20 को सुबह स्नान-दान करें। शरद पूर्णिमा से जुड़ी कई परंपराएं प्रचलित हैं, जैसे इस तिथि पर श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं, देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। ज्‍योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है।

शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इसी वजह से जो लोग देवी की कृपा चाहते हैं, वे इस रात में लक्ष्मी जी का विशेष पूजन करते हैं। रातभर जागकर पूजा-पाठ की जाती है। लक्ष्मी जी के स्वागत के लिए दीपक जलाए जाते हैं। इस रात में महालक्ष्मी के मंत्र का जाप करना चाहिए।

श्रीकृष्ण गोपियों संग रचाते हैं महारास

मथुरा के पास वृंदावन के निधिवन को लेकर मान्यता प्रसिद्ध है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण गोपियों संग रास करते हैं और शरद पूर्णिमा की रात श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं। इसी वजह से रात में निधिवन दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया जाता है। किसी भी इंसान को निधिवन में रुकने की इजाजत नहीं दी जाती है।

शरद पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें

हर माह की पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने की परंपरा है। भगवान सत्यनारायण विष्णु जी का ही एक स्वरूप है। इनकी कथा सुनने का अर्थ ये है कि हमें जीवन में कभी भी असत्य का साथ नहीं देना चाहिए और कभी भी भगवान के प्रसाद का अनादर न करें। पूर्णिमा पर कथा सुनें और सत्य बोलने का संकल्प लें।

चंद्रमा से बरसता है अमृत

शरद पूर्णिमा से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें विशेष अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो कई बीमारियों का नाश कर देती हैं। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की रात को लोग अपने घरों की छतों पर खीर रखते हैं, जिससे चंद्रमा की किरणें उस खीर के संपर्क में आती है, इसके बाद उसे खाया जाता है। कुछ स्थानों पर सार्वजनिक रूप से खीर का प्रसाद भी वितरण किया जाता है।

खीर खाने का है महत्व

शरद पूर्णिमा की रात का अगर मनोवैज्ञानिक पक्ष देखा जाए तो यही वह समय होता है जब मौसम में परिवर्तन की शुरूआत होती है और शीत ऋतु का आगमन होता है। शरद पूर्णिमा की रात में खीर का सेवन करना इस बात का प्रतीक है कि शीत ऋतु में हमें गर्म पदार्थों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसी से हमें जीवनदायिनी ऊर्जा प्राप्त होगी।

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