भारतीय मूल के प्रोफेसर डॉ अरुण मजूमदार स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में नये स्कूल के पहले डीन नियुक्त हुए

हिमशिखर इंटरनेशनल डेस्क

Uttarakhand

भारतीय-अमेरिकी पदार्थ वैज्ञानिक, इंजीनियर और प्रोफेसर डॉ. अरुण मजूमदार को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के जलवायु परिवर्तन और निरंतरता पर केंद्रित नए स्कूल का पहला डीन नामित किया गया है।

‘स्टैनफोर्ड न्यूज’ के मुताबिक विश्वविद्यालय के 70 सालो में पहले नए स्कूल ‘स्टैनफोर्ड डोएर्र स्कूल ऑफ सस्टेनबिलिटी’ की शुरुआत एक सितंबर को होगी। इसका उद्देश्य वैश्विक जलवायु संकट के त्वरित समाधान पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

मजूमदार फिलहाल जे प्रीकोर्ट प्रोवोस्टियल चेयर प्रोफेसर, मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग एवं पदार्थ विज्ञान के संकाय सदस्य और प्रीकोर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी के फैलो तथा पूर्व निदेशक हैं।

मूल रूप से कोलकाता के रहने वाले मजूमदार ने 1985 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई से मकेनिकन इंजीनियरिंग में अपनी स्नातक डिग्री ली थी और बर्कले स्थिति कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से 1989 में डॉक्टरेट की उपाधि ली। वह 30 नवबंर 2011 से 15 मई 2012 तक अमेरिका में उप उर्जा मंत्री भी रहे लेकिन उसके बाद उनका नामांकन वापस ले लिया गया।

15 जून को संभालेंगे पद
मजुमदार 15 जून से स्कूल की कमान संभालेंगे। इसके बाद उनके सामने स्कूल का उद्घाटन कराने के साथ डीन के तौर पर खुद को साबित करने की जिम्मेदारी भी होगी। फिलहाल वो स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मटैरियल साइंस डिपार्टमेंट के मेंबर हैं। इसके अलावा अरुण प्री-कोर्ट इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

डीन बनने की घोषणा होने के बाद अरुण ने कहा- यूनिवर्सिटी ने मुझे इस इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी, इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।

कोलकाता में जन्म
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकता में जन्मे अरुण ने 1985 में IIT बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया। इसके बाद अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से PHD की। यही नहीं अरुण ने गूगल में वाइस प्रेसिडेंट ऑफ एनर्जी के पद पर भी काम किया।

धरती हमारे पूर्वजों की विरासत नहीं
अरुण मजुमदार ने एक बयान में कहा- यूनिवर्सिटी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं। इस स्कूल में हम सिर्फ अपने स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ काम नहीं करेंगे, बल्कि दुनिया के दूसरे ऑर्गनाइजेशन के साथ मिल कर एजुकेशन के जरिए लोगों को एक नया नजरिया देंगे।

मजुमदार ने आगे कहा- हमें ये धरती पूर्वजों से विरासत में नहीं मिली। हमें अपने बच्चों को उधार के रूप में इसे सुरक्षित लौटाना होगा। हम सभी लोगों को ऐसा भविष्य बनाना है जहां इंसान और प्रकृति एक साथ रह सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *