पंडित उदय शंकर भट्ट
आदि शक्ति स्वरूपा की आराधना का नौ दिवसीय महापर्व शारदीय नवरात्र आज 26 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। खास बात यह है कि इस नवरात्र में कोई भी तिथि नहीं घट रही है, इसलिए ये पर्व पूरे नौ दिन का रहेगा। इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि योग, एक द्विपुष्कर योग और तीन रवियोग के दुर्लभ संयोगों की जोड़ी पर्व को खास बना रही है। इसी के साथ मांगलिक कार्यों की भी शुरूआत हो जाएगी।
वेद-पुराणों में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है, जो असुरों से इस संसार की रक्षा करती है। नवरात्र में शक्ति के नौ रूपों की उपासना की जाती है। हालांकि, महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती को देवी का मुख्य रूप बताया गया है। आज सोमवार से देवी की भक्ति और उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र शुरू होगा। नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है। इस कारण देवी के आने का वाहन हाथी रहेगा। नवरात्र में अक्सर तिथियां कम-ज्यादा हो जाती हैं। लेकिन इस बार ये पर्व पूरे नौ दिन का रहेगा। ग्रंथों में इसे शुभ-अशुभ संकेत बताया गया है। जानकार कहते हैं कि नवरात्र के दौरान तिथियां नहीं घटती है तो ये देवी आराधना का पूरा फल मिलने का संकेत माना गया है।
आदि शक्ति इस सृष्टि का संचालन करती है। शारदीय नवरात्र में देवी की पूजा-आराधना वैभव और भोग प्रदान करने वाला होता है। ऋतुओं का संधिकाल होने के कारण इस दौरान जड़ी बूटियों और गोघृत से किया गया हवन मन और शरीर को पुष्ट करने वाला होता है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
न्वरात्र के प्रथम दिन घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।