सुरकंडा मंदिर रोप-वे सेवा तकनीकी जांच में मानकों पर उतरा खरा

नई टिहरी। 

Uttarakhand

सुरकुट पर्वत स्थित सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शनों को जाने के लिए भक्तों और सैलानियों का सफर आसान हो जाएगा। गुरुवार को ब्रिडकुल के अधिकारियों की टीम ने रोप-वे का मौका-मुआयना कर तकनीकी जांच की, जिसमें रोप-वे तकनीकी रूप से कामयाब रहा। वहीं, 2 अप्रैल को नवरात्रि पर प्रस्तावित रोप-वे का लोकार्पण कैंसिल हो गया है।

सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को अब तक कद्दूखाल से मंदिर तक डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है। जिस कारण वृद्ध और दिव्यांग लोग आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में परिजन घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी की व्यवस्था कर किसी तरह अपनों को पूजा-अर्चना के लिए मंदिर तक पहुंचाते हैं। सुरकंडा देवी मंदिर आस्था के साथ-साथ क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन स्थल का रूप भी लेता जा रहा है। जहां पर प्रति वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु और सैलानी पहुंचते हैं।

सुरकंडा देवी की सुगम यात्रा के लिए प्रदेश सरकार ने 2014-15 में कद्दूखाल-सुरकंडा रोपवे का निर्माण शुरू किया था। मंदिर तक आसानी से पहुंचने के लिए रोप-वे का ट्रायल पिछले दिनों सफल रहा था। गुरुवार को ब्रिडकुल के एमडी और मुख्य रज्जू मार्ग पर्यवेक्षक कुंदन सिंह नेगी, ब्रिडकुल के जीएम आरपी उनियाल सहित इंजीनियरों की टीम ने रोप-वे की तकनीकी जांच की।

विशेषज्ञों की टीम ने रोप-वे के सारे उपकरण, केबिल सहित सभी तकनीकी मानकों की बारिकी से जांच की। साथ ही सभी अधिकारी नए रोप-वे से ही ऊपर मंदिर तक गए और वापस नीचे भी आए। इस दौरान एसडीएम धनोल्टी लक्ष्मीराम चैहान और जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी भी मौजूद रहे। मुख्य रज्जू मार्ग पर्यवेक्षक कुंदन सिंह नेगी ने बताया कि रोप-वे तकनीकी जांच में सही पाया गया है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

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