हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई टिहरी।
स्वामी कमलानंद (डॉ. कमल टावरी) पूर्व सचिव भारत सरकार ने कहा कि वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या के बीच रोजगार की चुनौती है। बेरोजगारों को स्वालंबी बनाने के लिए पर्यावरण पूरक धंधों को संभावनाएं, खोजने व बढ़ाने का समय आ गया है। उत्तराखंड में आज भी कई ऐसे अपवाद हैं जो बिना सरकारी मदद से सरकारी मॉडल की तरह मॉडल स्थापित कर रहे हैं।
बताते चलें कि पूर्व सचिव भारत सरकार डॉ. कमल टावरी ने पिछले दिनों संन्यास धारण कर लिया था। सोमवार रात्रि को स्वामी कमलानंद और सामाजिक वैज्ञानिक जर्मनी इरमेल मारला टिहरी पहुंचे। मंगलवार को स्वामी कमलानंद और इरमेल मारला स्वामी रामतीर्थ परिसर में महान गणितज्ञ संत स्वामी रामतीर्थ जी पर आधारित पुस्तक का विमोचन के साथ ही युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के टिप्स देने के साथ ही मेधावी बच्चों को सम्मानित भी करेंगे।
हिमशिखर खबर से खास बातचीत में स्वामी कमलानंद गिरी ने कहा कि ग्राम स्वराज के लिए उत्तराखंड में व्यवसाय बढ़ाने पर कार्य किया जाना चाहिए। निराशा के बजाए विकल्प ढूंढ़ने पर जोर देना चाहिए, जिससे कुछ नया मॉडल बनाए जा सके। इंटरनेशल इंस्टिट्यूट फ़ॉर होलस्टीर रिसर्च एंड वोलेंट्री एक्सल की अध्यक्ष इरमेल मारला ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आगे आना होगा। आजकल प्लास्टिक से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है, ऐसे में छोटी छोटी कोशिश कर हम बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगा सकते हैं।