हिमशिखर खबर ब्यूरो
वाराणसी: पिछले कुुछ माह से अस्वस्थ चल रहे तंत्र सम्राट श्री दर्शन मुनि नागा बाबा कमौली वाले नहीं रहे। गुरुवार की सुबह वाराणसी में उन्होंने शरीर त्याग दिया। उनके ब्रह्मलीन होने पर बाबा के अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई।
कमौली वाले नागा बाबा मूल रूप से बरहनी ब्लॉक के नरवन क्षेत्र स्थित करवा गाँव के रहने वाले थे। किशोरावस्था में ही उन्होंने घर और परिवार का त्याग कर दिया और कठोर तप करने निकल गए। उन्होंने औघड़ाचार्य बाबा हरीरामजी अघोरी के संरक्षण में अनेक गूढ़ विद्याओं पर अधिकार प्राप्त किया। कमौली में कठिन साधना कर तंत्र सम्राट की उपाधि हासिल की। नागा बाबा ने नरवन क्षेत्र में आश्रम, स्कूल, महाविद्यालय और कई मंदिरों की स्थापना की। बाबा वाराणसी स्थित गाय घाट पर ही रहते थे और पूरे देश में घूमकर सनातन धर्म का प्रचार करते थे। गुरुवार की सुबह वाराणसी में उन्होंने शरीर त्याग दिया।
बाबा के देहावसान पर साधुबेला पीठाधीश्वर महंत गौरीशंकरदास जी महाराज एवं स्वामी रामतीर्थ मिशन कोटला के स्वामी बलराम मुनि महाराज ने आदि ने शोक व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी।