देहरादून
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की सम सेमेस्टर (द्वितीय, चतुर्थ, षटम एवं अंक सुधार) की परीक्षाएं गढ़वाल मंडल के 7 जनपदों के समस्त राजकीय महाविद्यालयो व निजी स्ववित पोषित महाविद्यालयों में आयोजित हो रही हैं, जिनमें लगभग 47 हजार छात्र छात्राएं परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं।
परीक्षाओं को नकल विहीन करवाना और परीक्षा केंद्रों की गोपनीयता सुरक्षित करने हेतु कुलपति डॉ० पी०पी० ध्यानी ने उड़नदस्तों एवं पर्यवेक्षकों को नामित किया है और वे स्वयं भी अधिकारियों के साथ महाविद्यालयों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं।
यह अवगत करा दें कि पूर्व में आयोजित परीक्षाओं के दौरान भी कुलपति डॉ ध्यानी ने 79 महाविद्यालयों का औचक निरीक्षण किया था और 10 महाविद्यालयों के परीक्षा केंद्रों को मानकों के अनुसार सुविधा ना होने के कारण निरस्त किया था जिससे राज्य में नकल विहीन परीक्षाओं को संपन्न करने का माहौल बना।
विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त 192 शैक्षिक संस्थानों (55 राजकीय, 08 अशासकीय सहायता प्राप्त, 35 बीएड और 94 स्व वित्त पोषित निजी महाविद्यालय) मे सीमित संसाधनों की उपलब्धता के बाद भी नकल विहीन परीक्षाएं करवाने और ससमय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
आज कुलपति डॉ ध्यानी, कुलसचिव खेमराज भट्ट एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ वीपी श्रीवास्तव ने देहरादून में स्थित आईटीएम संस्थान एवं डीडी कॉलेज में परीक्षाओं एवं परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया जिनमें बीकॉम ऑनर्स षष्टम सेमेस्टर और बी कॉम द्वितीय, चतुर्थ, षष्टम सेमेस्टर की परीक्षाएं संचालित हो रही थी, औचक निरीक्षण के दौरान परीक्षा केंद्र मे परीक्षा संबंधी सभी सामग्री सही पाई गई और परीक्षा केंद्रों में परीक्षाएं सफलतापूर्वक संपन्न हो रही थी।
कुलपति डॉ ध्यानी ने परीक्षा केंद्रों में परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों की गोपनीयता की भी जांच की, साथ ही साथ कुलसचिव खेमराज भट्ट द्वारा उत्तर पुस्तिकाअो की संपूर्ण जांच की गई और परीक्षा नियंत्रक डॉ० श्रीवास्तव द्वारा परीक्षार्थियों समग्रता से जांच की गई। परीक्षा केंद्रों में सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद पाई गई।
कुलपति डॉ० ध्यानी द्वारा दोनों महाविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रको को निर्देशित किया गया कि सीसीटीवी कैमरे के द्वारा भी छात्रों की लगातार निगरानी करते रहें व किसी भी हाल से नकल विहीन परीक्षाओं को संचालित करे अगर किसी भी महाविद्यालय में नकल की संभावना पाई गई तो ऐसे महाविद्यालय हमेशा के लिए परीक्षा केंद्रों से वंचित हो जाएंगे।