डा. प्रभाकर जोशी
देवप्रयाग
14 फरवरी को होने वाले मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही भाजपा ने अपने चुनाव अभियान को धार देना शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा सोमवार से पूरी ताकत झोंकने जा रही है। इस क्रम में पीएम मोदी आज से वर्चुअल रैलियों के जरिए चुनावी हुंकार भरेंगे। पीएम आज सात फरवरी को हरिद्वार संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों की जनता को संबोधित करेंगे। बताया जा रहा है कि पीएम 10 फरवरी के बाद में जनसंपर्क भी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देवप्रयाग में संभावित गंगा आरती के कार्यक्रम को लेकर भाजपा में जहाँ जबरदस्त उत्साह उमड़ रहा है वहीं, कांग्रेस व उक्रांद नेताओ की बेचैनी बढ़ गयी है।
देवप्रयाग से भागीरथी, अलकनंदा से संगम कर विश्व विख्यात गंगा नाम धारण करती है। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान, पूजन व आरती को देवप्रयाग पहुँचते हैं। गंगा को कलियुग में मोक्षदायनी मानते देवप्रयाग तीर्थ में पितरो की मुक्ति हेतु प्राचीन काल से ही पिंड दान व तर्पण होता रहा है। केदार खंड में भगवान राम द्वारा पिता दशरथ को यहाँ पिण्ड दान करने का उल्लेख है। वहीं 1960 में देश के पहले राष्टपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी संगम पर पिण्ड दान पहुँचे थे। प्रसिद्ध विद्वान आचार्य चक्रधर जोशी द्वारा उनसे यहाँ पिंड दान करवाया गया था।
देवप्रयाग में गंगा सेवा समिति द्वारा नित्य गंगा माँ की आरती की जाती है किंतु उसमे कम लोग ही पहुँचते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हरिद्वार में गंगा आरती किये जाने के बाद राजनैतिक दलों के एजेंडे में पतित पावनी गंगा एक बार फिर से प्रमुखता से आ गयी हैं। देवप्रयाग की भौगोलिक स्थिति के कारण संगम तक कोई भी वाहन नही पहुँच सकता है। यहाँ आधा कि मी घनी बस्ती के मकानों से घिरे संकरे रास्तो से होकर ही संगम तक पहुँचा जा सकता है। किसी भी वी.वी.आई.पी. के प्रोटोकॉल को देखते पुलिस प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती रही है। प्रधान मंत्री यहाँ संगम स्थल के अलावा अधिक सुरक्षित भगवान राम की तपस्थली रामकुंड में भी गंगा आरती कर सकते है।प्रधा न मंत्री मोदी के देवप्रयाग आगमन से बर्षो से उपेक्षित इस महा तीर्थ का नई पहचान मिल सकती है। साथ ही प्रदेश की राजनीति में यह तीर्थ नया केंद्र बन सकता है।