दून लाइब्रेरी में डिजिटल क्रांति पर तीन दिवसीय सम्म्मेलन शुरू

  • दस्तावेजों के डिजिटलीकरण और रिसोर्स शेयरिंग पर हुई चर्चा
  • दून लाइब्रेरी में हैं 35 हजार से ज्यादा पुस्तकें, चार हजार से ज्यादा सदस्य

प्रदीप बहुगुणा

Uttarakhand

देहरादून: दून पुस्तकालय में शुक्रवार को डिजिटल क्रांति पर तीन दिवसीय सम्म्मेलन शुरू हुआ। सम्मेलन में विदेशों से भी पुस्तकालय विशेषज्ञों ने आन लाइन माध्यम से प्रतिभाग किया। सम्मेलन में दस्तावेजों के डिजिटलीकरण और रिसोर्स शेयरिंग पर विस्तार से चर्चा हुई। सरकारी पुस्तकालयों के मौजूदा समय के अनुरूप कैसे आधुनिक स्वरूप दिया जाय इस पर भी मंथन हुआ।

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव एसके दास ने कहा कि 16 साल के अपने सफर में दून पुस्तकालय ने अब भव्य और आधुनिक स्वरूप ले लिया है। वर्तमान में इसमें 35 हजार से अधिक पुस्तकंे हैं। इसके चार हजार से अधिक सदस्य हैं। यहां एक साथ 250 लोग बैठ कर अध्ययन कर सकते हैं। लगभग 30 कम्प्यूटरों से सुसज्जित लैब भी है जहां इंटरनेट और वाईफाई की भी सुविधा है। पुस्तकालय में सभागार और कैफिटेरिया भी है।

सभागार में साहित्यिक, कलात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पुस्तक लोकार्पण, परिचर्चा, प्रदर्शनी तथा संगोष्ठियों आदि का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है। इस पुस्तकालय में अनेक नामचीन लेखकों व साहित्यकारों की पुस्तकें भी संग्रहित है। उन्होंनेे आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सेंट्रल गर्वन्मेंट लाइब्रेरी एसोसिएशन के इस तीन दिनों के सम्मेलन में विभिन्न पुस्तकालय विशेषज्ञों की ओर से किये गये विमर्श के महत्वपूर्ण सुझाव व निष्कर्ष आधुनिक पुस्तकालय विज्ञान के विकास में उपयोगी साबित होंगे।

 विशिष्ट अतिथि एनएस नपलच्याल ने कहा कि एसोसिएशन ने पुस्तकालय विज्ञान से जुड़े पुस्तकालयाध्यक्षों, विषय विशेषज्ञों तथा पुस्तकालय कार्मियों के विर्मश के लिए सार्थक पहल की है। यह हर्ष का विषय है की देहरादून शहर तथा नैनीताल, मसूरी, अल्मोड़ा सहित राज्य के अन्य जगहों में कई पुस्तकालय संस्थायें तथा नगर निकाय के पुस्तकालय चल रहे है। इस संदर्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विगत 16 सालों से परेड ग्राउड स्थित छोटे भवन से प्रारम्भ होकर इस पुस्तकालय ने वर्तमान में अपने नवनिर्मित भवन में विस्तार पा लिया है जो देहरादून शहर और प्रदेश के पुस्तक प्रेमियों, पाठकों तथा अध्येताओं के लिए बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आया है।

सम्मेलन सेंट्रल गर्वन्मेंट लाइब्रेरी एसोसिएशन की ओर से दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सहयोग से आयोजित चतुर्थ किया जा रहा है जो 26 फरवरीतक चलेगा। इस सम्मेलन का विषय डिजिटल क्रान्ति स्मार्ट सरकारी पुस्तकालयों के विकास की ओर अग्रसर रखा गया है। इसके कुछ उप विषय भी रखे गये हैं यथा -डिजिटल लाइब्रेरी सेवाएं, डिजिटल साक्षरता, पोस्ट कोविड युग के बाद पुस्तकालय, भविष्य के लिए दस्तावेजों का डिजिटलीकरण, रिसोर्स शेयरिंग एवं नेटवर्किंग, दस्तावेजों का उपचारात्मक संरक्षण एवं बहु भाषीय सूचना पुनःप्राप्ति इत्यादि। सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न प्रतिभागियों, पुस्तकालय विशेषज्ञों द्वारा डिजिटल, तकनिकी, वेब तकनीकि, सूचना संचार, कम्प्यूटर विषय से संबधित तथा ब्रेन लिपि के अलावा कुछ कम्पनियों द्वारा उत्पाद की विशेषताओं पर शोध पत्र प्रस्तुत किये गये।

इनमें हिमालयन यूर्निवसिटी जोलीग्राट के पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. योगेन्द्रर सिंह, तथा अमन वर्मा, रिचा आर्या व बबिता जायसवाल तथा डॉ. राजाराम भट्ट, अंक्षिता सचदेवा, डॉ.शिजित कुमार सी., विकरेश्वरी डंगवाल भट्ट तथा मालविका किशोर ने अपने शोध पत्र पढ़े। इसी सत्र में आस्ट्रेलिया की डॉ. हीदर ब्राउन ने विडियों कॉन्फ्रेस के माध्यम से अपना प्रस्तुतिकरण दिया।

 उद्घाटन सत्र के समापन में सम्मेलन की अध्यक्ष सीके मामिक ने अतिथियों तथा सभागार में उपस्थित प्रतिभागियों व सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। सत्र का संचालन डीके पाण्डे ने किया। इस दौरान दून पुस्तकालय के अध्यक्ष जेबी गोयल और सीजीएल और दून पुस्तकालय के अनेक सदस्य व प्रतिभागीगण उपस्थित रहे।

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