हिमशिखर धर्म डेस्क
आज आश्विन माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र है। सूर्य कन्या राशि में है। आज हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। भगवान विष्णु जी की उपासना के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करें। श्री सूक्त के पाठ करने का यह बहुत सुंदर अवसर है। मंदिर में माता दुर्गा जी का दर्शन करें। श्री रामचरितमानस का पाठ करें। गीता के पाठ का आज बहुत महत्व है। सूर्योदय में सूर्य को जल व लाल रोली,चावल व पुष्प से जल दें व शिवपूजा के लिए मंदिर में भगवान शिव को दुग्ध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक करें व उनको बेल पत्र अर्पित करें।
दिनांक – 08 अक्टूबर 2022
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत -1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – अश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्दशी
नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद शाम 05:08 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
योग – वृद्धि रात्रि 08:54 तक तत्पश्चात ध्रुव
सूर्योदय – 06:32
सूर्यास्त – 18:19
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
आज का अशुभ मुहूर्त 8 अक्टूबर 2022 :
राहुकाल सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 06 बजकर 18 मिनट से 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। भद्राकाल अगली सुबह 3 बजकर 41 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक। पंचक काल पूरे दिन रहेगा।
आज का उपाय : पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें और शनिदेव के बीज मंत्रों का जप करें।
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – चतुर्दशी और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)