हिमशिखर धर्म डेस्क
आज बुधवार, 25 अगस्त को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। ये दिन गणपति को समर्पित है। गणेश जी काे विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। खास बात यह है कि बुधवार होने के कारण गणेश पूजन और भी फलदायी है। क्योंकि बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित होता है। इस दिन गणेश पूजन से बुध ग्रह को भी मजबूत किया जा सकता है। एसे में जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध ग्रह अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं, तो उनके लिए अच्छा अवसर है।
बुध ग्रह (Mercury )
बुध ग्रह को वाणिज्य, बाजार, लेखन, दवा, कानून, वाणी और त्वचा आदि का कारक बताया गया है। बुध गणित का भी कारक है। बुध जब कमजोर या अशुभ होता है। तो इन क्षेत्रों में समस्याएं प्रदान करता है, जिस कारण व्यक्ति को विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बुध के कमजोर या पाप और क्रूर ग्रहों की दृष्टि पड़ने से त्वचा संबंधी रोग भी प्रदान करता है। इसलिए बुध को शुभ रखना अत्यंत आवश्यक है। बुध को सभी ग्रहों का राजकुमार माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित उदय शंकर भट्ट के अनुसार बुधवार को गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस व्रत में शाम को चंद्र उदय तक निराहार रहने की परंपरा है। कुछ लोग व्रत में फलाहार करते हैं। शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है। इस दिन गणेश जी को दूर्वा की 21 गांठ खासतौर पर चढ़ानी चाहिए। गणेश जी के मंत्र श्री गणेशाय नम: का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। लड्डूओं का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।