पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज भाद्रपद की 17 गते है।
पिठोरी अमावस्या व्रत भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। पिठोरी अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या या भाद्रपद अमावस्या भी कहते हैं। पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है। भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि आज 2 सितंबर सोमवार को है। सोमवार को होने की वजह से यह अमावस्या सोमवती अमावस्या भी है।
भाद्रपद अमावस्या का महत्व
भाद्रपद अमावस्या के कुछ दिन बाद से ही पितृपक्ष की शुरुआत होती है। भाद्रपद अमावस्या तिथि को श्राद्ध कर्म के लिए उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। श्रीहरि के अलावा पितर भी प्रसन्न होकर अपना आशीष प्रदान करते हैं।
पिठोरी और कुशग्रहणी अमावस्या कहा जाता है। पिठोरी में पिठ शब्द का अर्थ है आटा। इस वजह से इसे पिठोरी अमावस्या कहा जाता है।
इसके साथ ही इस दिन नदी या मैदानों आदि जगहों से कुशा नामक घास उखाड़ कर घर लाई जाती है। यही कारण है कि इसे कुशग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है।
सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में स्नान-ध्यान और भगवान शिव की उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं-
शिव योग
सोमवती अमावस्या पर शिव योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही मनचाही मुराद पूरी होती है। इस शुभ मुहूर्त में पितरों का तर्पण करने से साधक को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सोमवती अमावस्या पर शिव योग का संयोग संध्याकाल 06 बजकर 20 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान कर सकते हैं।
सिद्धि योग
सोमवती अमावस्या पर शिव योग के बाद सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में कार्य करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कार्य में सिद्धि मिलती है। ज्योतिष सिद्धि योग को शुभ मानते हैं। इस योग में पूजा, जप-तप और दान-पुण्य कर सकते हैं। इस योग का निर्माण संध्याकाल 06 बजकर 21 मिनट से हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है।
शिव योग
सोमवती अमावस्या पर अति दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर ध्यान मुद्रा में विराजमान रहेंगे। इससे समस्त लोकों का कल्याण होगा।
आज का पंचांग
सोमवार, सितम्बर 2, 2024
सूर्योदय: 06:00 ए एम
सूर्यास्त: 06:41 पी एम
तिथि: अमावस्या – पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र: मघा – 12:20 ए एम, सितम्बर 03 तक
योग: शिव – 06:20 पी एम तक
करण: चतुष्पाद – 06:20 पी एम तक
द्वितीय करण: नाग – पूर्ण रात्रि तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: सोमवार
पूर्णिमान्त महीना: भाद्रपद
चन्द्र राशि: सिंह
सूर्य राशि: सिंआज