बुध प्रदोष व्रत आज: 21 फरवरी, शुभ-अशुभ मुहूर्त का समय

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

सुप्रभातम्,

आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज  बुधवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं

आज का विचार

दुनिया में सबसे अधिक कोई बलवान है तो वो है इच्छाशक्ति। दुनिया की हर चीज इसके माध्यम से तुम्हें मिल सकती है। चाह होगी तो राह अपने आप मिल जाएगी। वो हर चीज तुम्हें प्राप्त होती है जो तुम्हारे लिए जुनून बन जाती है।

आज का भगवद् चिन्तन

चेतनायुक्त जीवन

जिस प्रकार पतंग उड़ाने वाला डोरी अपने हाथ में रखता है और पतंग उलझने पर तुरंत अपने पास खींच लेता है। उसी प्रकार संसार में रहते हुए भी इंद्रियों की डोर को अपनी मुट्ठी में रखने की कला हमें आनी ही चाहिए। कर्म करते समय संसार जैसा व्यवहार करो पर चेतना इतनी सम्पन्न हो कि भीतर से संसार की नश्वरता का बोध भी हमें होता रहे। ज्ञान युक्त विचारों से कर्म करोगे तो कहीं उलझोगे ही नहीं।

जब – जब मन विकारों से मुक्त होता जायेगा तब-तब बाहरी संसार भी हमें शांति का अनुभव करायेगा । जब तक तुम केवल बाहरी वस्तुओं को बदलने में लगे रहोगे तब तक जीवन में प्रसन्नतापूर्ण बदलाव नहीं आ पायेंगे। बदलाव केवल विचारों में नहीं अपितु हमारे आचरण में भी होना चाहिए। अपने को कर्ता और कारण मत मानो। प्रभु को कारण स्वरूप जानकर उनकी कृपा का अनुभव करते हुए सदैव ज्ञान युक्त जीवन जीने का प्रयास करो।

बुध प्रदोष व्रत आज

प्रदोष व्रत को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। कुछ लोग शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रदोष के बीच फर्क बताते हैं।

प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष बुधवार के दिन आता है उसे बुध प्रदोष कहते हैं।

प्रदोष व्रत, प्रदोषम

जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं (जिसे त्रयोदशी और प्रदोष का अधिव्यापन भी कहते हैं) वह समय शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं।

आज का पंचांग

बुधवार, फरवरी 21, 2024
सूर्योदय: 07:05
सूर्यास्त: 18:05
तिथि: द्वादशी – 11:27 तक
नक्षत्र: पुनर्वसु – 14:18 तक
योग: आयुष्मान् – 11:51 तक
करण: बालव – 11:27 तक
द्वितीय करण: कौलव – 00:21, फरवरी 22 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: माघ
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: मिथुन – 07:44 तक
सूर्य राशि: कुम्भ
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल

प्राणियों में सद्भावना हो,

विश्व का कल्याण हो।

गौ माता की जय हो।

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