पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज गुरुवार का दिन है। पंचांग के अनुसार, आज वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। सनातन धर्म में गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। आज 13 गते वैशाख है। राहुकाल दोपहर 1:30 से 3 बजे तक रहेगा।
आज का पंचांग
बृहस्पतिवार, अप्रैल 25, 2024
सूर्योदय: 05:45
सूर्यास्त: 18:53
तिथि: प्रतिपदा – 06:45 तक
नक्षत्र: विशाखा – 02:24, अप्रैल 26 तक
योग: व्यतीपात – 04:54, अप्रैल 26 तक
करण: कौलव – 06:45 तक
द्वितीय करण: तैतिल – 19:19 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
अमान्त महीना: चैत्र
पूर्णिमान्त महीना: वैशाख
चन्द्र राशि: तुला – 20:01 तक
सूर्य राशि: मेष
आज का विचार
इस संसार में अपेक्षा कभी किसी की पूरी नहीं होती तथा आवश्यकता किसी की अधूरी नहीं रहती, क्योंकि हमारी आवश्यकताएं बहुत कम होती है और अपेक्षाएं बहुत अधिक।
आज का भगवद् चिन्तन
सुपथ का चयन करें
जीवन में पद से ज्यादा महत्व पथ का है इसलिए पदच्युत हो जाना लेकिन भूलकर भी कभी पथच्युत मत हो जाना। पथच्युत हो जाना अर्थात उस पथ का त्याग कर देना जो हमें सत्य और नीति के मार्ग से जीवन की ऊंचाईयों तक ले जाता है।
पथच्युत होने का अर्थ है, जीवन की असीम संभावनाओं की ओर बढ़ते हुए कदमों का विषय वासनाओं की दलदल में फँस जाना। महान लक्ष्य के अभाव में जीवन केवल प्रभु द्वारा प्राप्त इस मनुष्य देह का तिरस्कार ही है और कुछ नहीं।
पद से गिर भी गए तो संभलना आसान है मगर पथ से गिरकर संभल पाना आसान नहीं। महानता के द्वार का रास्ता मानवता से होकर ही गुजरता है। मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म और उपासना है। मानवता रुपी पथ का परित्याग ही तो पथच्युत हो जाना है।
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।