सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रही है। आज चैत मास की 19 गते है।
आज का पंचांग
मंगलवार, अप्रैल 2, 2024
सूर्योदय: 06:10 ए एम
सूर्यास्त: 06:40 पी एम
तिथि: अष्टमी – 08:08 पी एम तक
नक्षत्र: पूर्वाषाढा – 10:49 पी एम तक
योग: परिघ – 06:36 पी एम तक
करण: बालव – 08:44 ए एम तक
द्वितीय करण: कौलव – 08:08 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: फाल्गुन
पूर्णिमान्त महीना: चैत्र
चन्द्र राशि: धनु – 04:37 ए एम, अप्रैल 03 तक
सूर्य राशि: मीन
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2081 पिङ्गल
आज का भगवद् चिंतन
आंतरिक विकारों की महौषधि
मनुष्य वैमनस्यता, क्रोध, ईर्ष्या और द्वेष करता है और सोचता है कि इससे दूसरे का अहित हो जाए लेकिन इससे दूसरों का नहीं अपितु उसके स्वयं का ही अहित होने वाला है। वैमनस्यता, क्रोध, इर्ष्या जीवन में विष के समान हैं। यदि इन सभी विषों का पान आप कर रहे हैं, इन विषों की मात्रा आपके जीवन में है तो किसी और का नहीं अपितु सभी प्रकार से आपका ही अहित होने वाला है।
जिस प्रकार से जहर को खा लेने पर वह स्वयं के लिए घातक होता है, उसी प्रकार से आपका वैमनस्य, आपका क्रोध, आपकी ईर्ष्या और आपका द्वेष भी एक धीमा जहर है। आंतरिक विकार मनुष्य द्वारा अपने ही मार्ग में खोदे गये उस कूप के समान हैं , जिसमें देर – सबेर उसका गिरना अवश्यंभावी हो जाता है। सद्गुरु की शरण में सदग्रंथों का आश्रय ही समस्त आंतरिक विकारों का समूल नाश करने वाली महौषधि है।
आज का विचार
अगर आप के पास असफल होने की गुंजाइश नहीं है तो आप विकास भी नहीं कर सकते। कठिनाईयों का अर्थ ही आगे बढ़ना होता है, न कि उनसे डरकर हतोत्साहित होना।
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।