पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज 27 गते वैशाख है।
आज का विचार
मनुष्य के चरित्र का निर्माण अपने संस्कारों के अनुसार होता है। तथा संस्कारों का निर्माण विचारों के अनुसार होता है
आज का भगवद् चिंतन
कर्ताभाव रहित कर्म
जब हमारे भीतर कर्ता भाव आ जाता है और हम ये समझने लगते हैं कि ये कर्म मैंने किया तो निश्चित ही उस कर्मफल के प्रति हमारी सहज आसक्ति भी हो जाती है। अब इच्छानुसार फल की प्राप्ति ही हमारे द्वारा संपन्न किसी भी कर्म का उद्देश्य रह जाता है। ऐसी स्थिति में जब फल हमारे मनोनुकूल प्राप्त नहीं होता है तो निश्चित ही हमारा जीवन दुःख, विषाद और तनाव से भी भर जाता है।
इसके ठीक विपरीत जब हम अपने कर्तापन का अहंकार त्याग कर इस भाव से सदा श्रेष्ठ कर्मों में निरत रहेंगे कि करने – कराने वाले तो एक मात्र वह प्रभु हैं। अब परिणाम चाहे सकारात्मक आये अथवा नकारात्मक, हमारा मन विचलित नहीं होगा और एक अखंडत आनंद की अनुभूति हमें सतत होती रहेगी। कर्ताभाव रहित कर्म करना ही तो गीता जी का कर्मयोग है।