नई दिल्ली
तीसरी भारत-ब्रिटेन विकास सहभागिता के लिए ऊर्जा पर मंत्रिस्तरीय ऊर्जा वार्ता पर एक संवाद का वर्चुअल आयोजन किया गया। इस संवाद की सह-अध्यक्षता भारतीय पक्ष से केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह और ब्रिटेन की ओर से क्वासी क्वार्टेंग सांसद, व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति राज्य सचिव (बीईआईएस) ने की।
बातचीत में ऊर्जा परिवर्तन चर्चा का एक प्रमुख क्षेत्र था और दोनों देशों के विद्युत मंत्रियों ने सौर ऊर्जा, अपतटीय पवन ऊर्जा, भंडारण, इलेक्ट्रिक वाहनों, वैकल्पिक ईंधन आदि सहित नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ अपने-अपने देशों में चल रही ऊर्जा परिवर्तन गतिविधियों पर विस्तार से वार्ता की।
ब्रिटिश पक्ष ने द्विपक्षीय सहयोग के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में जारी महत्वपूर्ण कार्यों की प्रगति और इससे पहले की गतिविधियों का एक विस्तृत सारांश प्रस्तुत किया जिसकी दोनों पक्षों ने सराहना और समर्थन किया।
वार्ता में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने 4 मई 2021 को भारत-ब्रिटेन वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा भारत-ब्रिटेन के भविष्य के संबंधों के लिए शुरू की गई कार्य योजना 2030 का स्वागत किया और इस रोडमैप 2030 के अनुरूप सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों की पहचान की।
दोनों पक्षों ने रोडमैप 2030 के एक हिस्से के रूप में बिजली और स्वच्छ परिवहन, नवीकरणीय क्षेत्र, हरित वित्त और स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पर आगे की एक कार्य योजना जिसमें स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा भंडारण, हरित हाइड्रोजन, वाहन चार्जिंग के बुनियादी ढांचे, बैटरी भंडारण सहित कई विषयों को शामिल करने के साथ ही बहुपक्षीय सहयोग के तहत अन्य प्रस्तावों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश जुटाने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया और अपनी सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्षों द्वारा विश्व के लिए सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा को सुरक्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किए जाने के और बिजली क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को चलाने के लिए ठोस कार्य योजनाओं को मूर्त रूप दिए जाने के साथ ही इस बातचीत का समापन हुआ। केंद्रीय विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन, भंडारण, समुद्र तटीय ऊर्जा और बिजली बाजार के रूप में ऐसे क्षेत्रों के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने इस बारे में आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड (वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड-ओएसओ डब्ल्यूओजी) की पहल ग्रिड में नवीकरणीय (आरई) एकीकरण का समर्थन करने के लिए एक आशाजनक विकल्प के रूप में कार्य कर सकती है ।