जोशीमठ भू-धंसाव: 723 पहुंची दरार वाले भवनों की संख्या, 86 असुरक्षित

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

जोशीमठ: जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को 45 भवन और चिन्हित किए गए। इस तरह से अब तक नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में कुल 723 भवन चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अबतक 131 परिवारों के 462 व्यक्तियों को विभिन्न ठिकानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है।

जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 51 भवनों के 344 कक्षो का चिह्नीकरण कर लिया गया है। जिसमे 1425 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है जिसमे कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।

राहत कार्यो के तहत जिला प्रशासन द्वारा अबतक 53 परिवारों को 5 हजार रुपये की दर से कुल 2 लाख 65 हजार रुपये की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है। जबकि तीक्ष्ण/पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त 10 भवन स्वामियों को 1 लाख 30 हजार रुपये की दर से कुल 13 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

प्रभावितों को अब तक 70 खाद्यान किट, 70 कंबल व 570 लीटर दूध का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 70 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।

जिला मजिस्ट्रेट चमोली द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 1, 4, 5 व 7 के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्रो को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाने का आदेश जारी किया गया है।

विरोध के चलते असुरक्षित भवनों का ध्वस्तीकरण टला

भू-धंसाव की चपेट में आए जोशीमठ में शासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। जिला प्रशासन की टीम लाव-लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध में उतर आए। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आज टाल दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *