पांच राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनाव को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। गुरुवार को आए एग्जिट पोल के नतीजों में सबकुछ गोलमोल है। कुछ एग्‍ज‍िट पोल बीजेपी तो दूसरे कांग्रेस को उत्‍साह‍ित करने वाले हैं। कुल म‍िलाकर तस्‍वीर साफ नहीं है। ज्‍यादातर एक्जिट पोल द‍िखाते हैं क‍ि मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान में पेच फंसा हुआ है। वहीं, छत्‍तीसगढ़ और तेलंगाना में कांग्रेस का दबदबा देखने को मिला है। अब तस्‍वीर 3 दिसंबर को ही साफ होगी। ऐसे में अभी इंतजार ही करना होगा। हालांकि, इसमें बीजेपी और पीएम मोदी के लिए कई संकेत हैं।

Uttarakhand

पार्टनर्स के साथ मजबूत करने होंगे रिश्‍ते
एमपी और राजस्‍थान में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला कई मायनों में अहम है। राजस्‍थान में बीजेपी दोबारा काबिज होती है तो भी अंतर शायद बहुत ज्‍यादा नहीं होगा। एमपी में सस्‍पेंस बना हुआ है। बेशक, उत्‍तर भारत में बीजेपी की स्थिति मजबूत है। लेकिन, इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस उसके पीछे तेजी से आ रही है। जो जमीन उसने खोई थी वह उसे वापस हासिल कर रही है। बीजेपी को अगले साल केंद्र की सत्‍ता में आने के लिए पुराने सहयोगियों की तरफ देखना होगा। सिर्फ पुराने दोस्‍त ही नहीं उसे नए दोस्‍त भी जोड़ने होंगे। वह इस मोर्चे पर कमजोर रही है। इसके उलट कई बड़े दल कांग्रेस की अगुआई को स्‍वीकार करते दिख रहे हैं। पांच राज्‍यों में कांग्रेस का अच्‍छा या ठीकठाक प्रदर्शन भी कांग्रेस का आकर्षण बढ़ाएगा।

दक्षिण में लगाना होगा जोर
उत्‍तर भारत के उलट दक्षिण में बीजेपी की तस्‍वीर बिल्‍कुल उलटी दिखती है। तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी दक्षिण में अपनी पोजिशन मजबूत करने में नाकाम रही है। कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, केरल से लेकर तमिलनाडु और तेलंगाना तक में बीजेपी का कोई प्रभाव नहीं दिखता है। इन राज्‍यों में उसके पास न तो असरदार नेता हैं। न दमदार प्रचारकों की सेना। इसके उलट धीरे-धीरे दक्षिण में कांग्रेस मजबूती के साथ उभर रही है। उसने तेलंगाना जीत लिया तो तस्‍वीर और जुदा होगी।

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