आज का पंचांग: षष्ठ नवरात्रि की मंगल बधाई

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आश्विन माह नवरात्र षष्ठी है।

 ईश्वर ने हमको दी है उपलब्धि

हम रोज कुछ न कुछ ईश्वर से मांगते हैं, हमारा अधिकार भी है। लेकिन नवरात्र में हमें एक बात याद रखनी चाहिए कि हमें मनुष्य का रूप मिला है। अब इससे बड़ी उपलब्धि ईश्वर हमको क्या दे सकता है? मनुष्य के पास तीन चीजें हैं- शरीर, मन और आत्मा। पशु से उसका भेद इसी मामले में है।

इस तन से पशु वो सारे काम करता है, जो मनुष्य भी करता है, लेकिन फिर भी जब राम जी ने अयोध्या वासियों से ये कहा, ‘बड़े भाग मानुष तनु पावा। सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा।’ ‘बड़े भाग्य से मनुष्य का शरीर मिलता है, सब ग्रंथों ने यही कहा है।

यह शरीर देवताओं को भी दुर्लभ है।’ तो राम जी कहना चाहते हैं कि मनुष के शरीर में पांच कर्मेंद्रियां और पांच ज्ञानेंद्रियां हैं, इन दसों का सदुपयोग करो। इनका संचालन या तो हृदय से हो, या बुद्धि से, पर मन से ना हो।

आज का विचार

व्यक्ति जीवन में दो कार्य कभी नही करे। मूर्ख को कभी दोस्त न बनाएं और दोस्त को कभी मूर्ख न बनाएं।

आज का भगवद् चिन्तन

 षष्ठ नवरात्रि की मंगल बधाई

माँ दुर्गा द्वारा अपने भक्तों के व लोकमंगल के लिए विभिन्न चरित्र किए जाते हैं। माँ की प्रत्येक लीला मानव जीवन को कुछ विशेष संदेश प्रदान करती हुई अपने भक्तों के कल्याण के लिए ही होती हैं। ऐसे ही माँ दुर्गा द्वारा रक्तबीज असुर का जिस तरह से नाश किया जाता है, वह बड़ा ही प्रतीकात्मक व संदेशप्रद है।

यह रक्तबीज कुछ और नहीं हमारी कामनाएँ ही हैं जो एक के बाद एक जन्म लेती रहती हैं। एक इच्छा पूर्ण हुई कि दूसरी और तीसरी अपने आप जन्म ले लेती हैं। हम निरंतर इनसे संघर्ष भी करते रहते हैं लेकिन निराशा ही हाथ लगती है क्योंकि हमारे अधिकतर प्रयास इच्छापूर्ति की दिशा में होते हैं, इच्छा दमन की दिशा में नहीं।

रक्तबीज तब तक नहीं मरता जब तक उसके रक्त की एक भी बूँद शेष रहती है। ऐसे ही हमें भी हमारी अकारण की इच्छाओं और कामनाओं को पी जाना होगा जो व्यर्थ में दुःखी और व्यथित करती रहती हैं। कामनाओं को पी जाना अर्थात उन्हें विवेकपूर्ण नियंत्रित करना है। नवरात्रि के छठवें दिवस में माँ कात्यायनी का पूजन किया जाता है।

आज का पंचांग

मंगलवार, अक्टूबर 8, 2024
सूर्योदय: 06:18
सूर्यास्त: 17:59
तिथि: पञ्चमी – 11:17 तक
नक्षत्र: ज्येष्ठा – 28:08+ तक
योग: आयुष्मान् – 06:51 तक
करण: बालव – 11:17 तक
द्वितीय करण: कौलव – 23:50 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: आश्विन
पूर्णिमान्त महीना: आश्विन
चन्द्र राशि: वृश्चिक – 28:08+ तक
सूर्य राशि: कन्या

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