पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (शुक्रवार, 17 जनवरी) का महत्व काफी अधिक है, इस चतुर्थी पर किए गए व्रत-उपवास से भक्तों की इच्छाएं पूरी हो सकती हैं, सुख-समृद्धि के साथ ही अटके कामों में सफलता मिल सकती है। ऐसी मान्यता है।
तिल चौथ को संकष्टी चतुर्थी, माघी चौथ या तिलकुटा चौथ, सकट चौथ भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है और तिल से जुड़ी धर्म-कर्म किए जाते हैं। तिल चौथ पर तिल-गुड़ के लड्डू बनाएं, भगवान को भोग लगाएं। इस चतुर्थी पर तिल का दान भी करना चाहिए। इस चतुर्थी पर तिलकुटा और तिल का चूरमा भी बनाते हैं। व्रत करने वाले भक्त पूरे दिन निराहार रहते हैं, शाम को चंद्र दर्शन और चंद्र को अर्घ्य देते हैं, भगवान गणेश की पूजा करते हैं, चतुर्थी व्रत की कथा पढ़ते हैं। इसके बाद अन्न ग्रहण करते हैं, इस तरह ये व्रत पूरा होता है।
तिल चतुर्थी व्रत करने के धार्मिक लाभ
• मान्यता है कि पूजा-पाठ में तिल का इस्तेमाल करने से पापों का नाश होता है और दुखों से मुक्ति मिलती है।
• ये व्रत अपने साथ ही संतान और घर-परिवार के सदस्यों की लंबी आयु, सुखद वैवाहिक जीवन की कामना से किया जाता है।
• भगवान गणेश की कृपा से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मन शांत रहता है और विचारों में सकारात्मकता बनी रहती है।
ऐसे कर सकते है गणेश जी की पूजा
तिल चतुर्थी पर सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने का संकल्प लें। गणेश जी के साथ माता पार्वती और शिव जी की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
गणपति मंत्र का जप करें। अंत में भगवान से जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद बांटें।
शाम को चंद्र उदय के समय भी फिर से पूजा करें। चंद्र दर्शन करके चंद्र को अर्घ्य दें, चंद्र की भी पूजा करें।
पूजा में गणेश चालीसा और मंत्रों का पाठ करते हैं। चतुर्थी व्रत की कथा भी पढ़नी चाहिए।
आज का विचार
जब मनुष्य में दान देने की प्रवृत्ति जन्म लेती है, तो समाज में उसका प्रभाव बनता है। और अन्य लोग प्रेरित होते हैं। मनुष्य की सारी उपलब्धियां तभी मायने रखती है जब वह समाज के लिए कुछ अच्छा करता है
आज का पंचांग
बृहस्पतिवार, जनवरी 16, 2025
सूर्योदय: 07:15
सूर्यास्त: 17:47
तिथि: तृतीया – 04:06, जनवरी 17 तक
नक्षत्र: अश्लेशा – 11:16 तक
योग: आयुष्मान् – 01:06, जनवरी 17 तक
करण: वणिज – 15:39 तक
द्वितीय करण: विष्टि – 04:06, जनवरी 17 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: कर्क – 11:16 तक
सूर्य राशि: मकर
प्रविष्टे/गते: 3