कृषि विज्ञान केन्द्र रानीचौरी में प्राकृतिक कृषि पर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न  

नई टिहरी।

Uttarakhand

कृषि विज्ञान केन्द्र रानीचौरी की ओर से प्राकृतिक कृषि विषय पर वानिकी महाविद्यालय परिसर में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्राकृतिक कृषि के महत्व एवं उसके उपयोग पर जानकारी दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के किसानों को लाइव प्रसारण संबोधन में प्राकृतिक कृषि के महत्व तथा जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष में इसकी उपयोगिता साथ ही आमदनी और स्वास्थ्य की रक्षा हेतु इसका किस तरह से उपयोग किए जाने की जानकारी दी गई।

वानिकी महाविद्यालय रानीचौरी के अधिष्ठाता वी पी खण्ड्डूरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वर्तमान समय में प्राकृतिक कृषि के महत्व एवं उसके उपयोग पर अपने विचार रखे। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी अधिकारी डॉ आलोक येवले ने प्राकृतिक कृषि की उत्पादन तकनीकी के बारे में किसानों को अवगत कराया। डॉ अरविंद बिजल्वान सह निदेशक प्रसार ने वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों अंधाधुंध इस्तेमाल से जमीन की उर्वरकता तथा उत्पादकता में आ रही कमी के बारे में बताया। साथ ही प्राकृतिक कृषि किस तरह से इन समस्याओं के लिए उपयोगी साबित हो सकती है यह बताया।

डॉ. शिखा मृदा वैज्ञानिक ने वर्मी कंपोस्टिंग की उत्पादन तकनीकी तथा प्राकृतिक कृषि से मृदा संरक्षण आदि संबंधी जानकारी दी।

उक्त कार्यक्रम में निकरा परियोजना अंतर्गत अंगीकृत ग्राम डाबरी, सेमवाल गांव, कलेथ और मौण क्युलागी आदि गांवों से 70 से अधिक किसानों साथ ही कृषी पदविका अभ्यास क्रम के 30 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

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