केदारनाथ।
केदारनाथ धाम में भगवान भुकूंड भैरव मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं। साथ ही केदारनाथ मन्दिर की ध्वजा बदल कर नयी ध्वजा लगाई गई। गौरतलब है की 6 मई को सुबह केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गये थे और मान्यताओं व परम्पराओ के अनुसार केदारनाथ जी के कपाट खुलने के बाद जो भी पहला मंगल या शनिवार पडता है, उस दिन भूकुंड भैरव के कपाट भी खोल दिये जाते है। शनिवार को भैरव मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही अब बाबा केदार की शयन आरती (सायंकालीन आरती) भी शुरू हो गई है।
शनिवार सुबह को शुभ मुहूर्त में प्रधान पुजारी गंगाधर लिंग ने भैरवनाथ भगवान का महाभिषेक किया। इस मौके पर आराध्य का आरती के साथ विशेष आह्वान किया। भगवान को शहद, घी और तेल से स्नान कराया गया। इसके उपरांत नया वस्त्र चढ़ाकर पुष्प, अक्षत से श्रृंगार कर भोग लगाया गया। सभी धार्मिक परंपराओं को निर्वहन के उपरांत मंदिर के कपाट खोले गए। भैरवनाथ जी के कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ मंदिर में बाबा केदार की शयन आरती (सायंकालीन पूजा व आरती) भी शुरू हो गई है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार भैरवनाथ जी को शिव का क्षेत्रपाल माना जाता है, इसलिए केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन को पहुंचने वाले भक्तों को भैरवनाथ के दर्शन भी करने होते हैं, तभी उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस अवसर पर वेदपाठी, तीर्थ पुरोहित व मंदिर समिति के कर्मचारी उपस्थित रहे।